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मनमोहन जी बोलते ही क्यों है?

देशभक्त भारत
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काफी दिनों बाद मनमोहन ने आज अपनी चुप्पी तोड़ी। उनके एक-2 बयान का देश नें पोस्टमार्टम कर डाला।
मनमोहनःकांग्रेस सब को साथ लेकर चलती है।
देशः हाँ, सही कहा। सरकार चलाने के लिए सपा बसपा को साथ लेकर चलना पड़ता है। वोट पाने के लिए बांग्लादेशियों को लेकर चलना पड़ता है। देश में कलह के लिए आंतकी को साथ लेकर चलना पड़ता है। पैसे के लिए भ्रष्टाचारियों को साथ लेकर चलना पड़ता है। बहुत काम है भाई।
मनमोहनः विकास की रफ्तार तेज करने के लिए काम किया।
देशः विकास की रफ्तार या भ्रष्टाचार की रफ्तार। कुछ समझ नहीं आया।
मनमोहनः हमारे रिकार्ड में महँगाई एक कमी रही है।
देशः क्या बात कर रहे है मन्नू जी। आपके महँगाई ने तो रिकार्ड तोड़ दिया।और आप इसमें ही कमी की बात करते हैं। ये नाइंसाफी है। इसके लिए महँगाई आपके खिलाफ हड़ताल करेगीं।
मनमोहनः चिंतन बैठक से नई दिशा मिलेगी।
देशः इस समय कांग्रेस को सत्ता से बेदखल होने के लिए नयी दिशा की जरूरत है। अब बाहर जाने के लिए दरवाजा तो ढ़ूढना ही था।वैसे दरवाजा आगे से लेफ्ट है।
मनमोहनः हमारा मकसद देश की तरक्की।
देशः देश की तरक्की या कांग्रेस की। सोनिया, राहुल, वाड्रा की तरक्की। स्पष्ट करेंगे।
मनमोहनः हमने एनडीए से अच्छा कार्य किया।
देशः ये तो 100 टका सही है। महँगाई, भ्रष्टाचार, दुराचार, अपराध बढ़ाने में कांग्रेस से अच्छा कार्य तो किसी ने नहीं किया। औऱ सब पार्टियां बेचारे विकास करनें में ही जुटे है।
मनमोहनः हम पाकिस्तान से दोस्ती चाहते है।
देशः ताकि वो फिर से हमारे सैनिकों का सर काट सकें। फिर से कश्मीर राग अलापें। हमारे यहाँ आंतकी भेजे, बम फोड़े, हमला करें। दंगे करवायें। और हम लोंग उन्हें यहाँ बैठाकर बिरयानी खिलाये

मनमोहनः हमारे काम का प्रचार ठीक से नहीं हुआ।
देशः क्या बात कर रहे है, मन्नू जी। आपके काम का प्रचार तो हम फेसबुक, सोशल मीडिया के माध्यम से तो अच्छी तरह करते जा रहे हैं।( आपकी लुटिया डुबोने के लिए)।
और आप बोलते है प्रचार ठीक से नहीं हुआ। यह बयान सुनकर हमारे जैसे करोड़ों फेसबुकियों की भावनाए आहत हो गयी। आप माफी मांगिये।

मनमोहनः हमने दोषियों के खिलाफ कारवाई की।
देशः कौन से दोषी। कलमाड़ी, राजा, वाड्रा जैसे या अन्ना, रामदेव जैसों पर।

मनमोहनः अपने काम का रिकार्ड जनता को देंगे।
देशः चिन्ता मत कीजियें। हम फेसबुकियें इसी काम के लिए यहाँ बैठे है। आपका रिकार्ड जनता तक पहुँचा देंगे। वैसे अपने काम की सराहना देखने के लिए फेसबुक पर आना ना भूंले।
मनमोहन ने एक दफा बयान दिया था- हजारों सवालों से बेहतर है मेरी खामोशी,
ना जाने कितने सवालों की इसने लाज रख ली
देश – मनमोहन जी,आपने सवालों की तो लाज रख ली। लेकिन देश की जो इज्जत दुनिया भर में लुट रही हैं। उसकी लाज कब रखेंगे।

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