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क्या सहमति से शारीरिक संबध बनाने की उम्र 16 साल होनी चाहिए
सरकार द्वारा लाए गए इस बिल का व्यापक विरोध हो रहा है। यह पूछे जाने पर कि जब शारीरिक संबध की उम्र 16 है तो शादी की उम्र भी 16 कर देनी चाहिए तब सरकार एवं कुछ मानवधिकारों का कहना है चूंकि जोड़े 16 साल की उम्र में बच्चे नहीं सम्भाल सकते इसलिए शादी की उम्र 18-21 ही रहनी चाहिए। तो क्या सरकार गर्भपात को बढ़ावा नहीं दे रही। क्या वह कंडोम और आई पिल की बिक्री बढ़ाने को ऐसा कर रही है। क्या इससे मुफ्त में यौन सम्बंधी बीमारियाँ नहीं फैलेगी। क्या गुप्त रोगो के डाँक्टरो को फायदा पहुँचाने को ऐसा हो रहा है। क्या सरकारें भारत को एड्स के मामले में नम्बर 1 पर पहुँचाना चाहती। एक औऱ सवाल क्या नाबालिग रेपिस्ट को सजा मिलेगी या उनका ट्रायल बाल सुधार गृह में ही होगा।
16 साल की उम्र नाजुक होती है। इसके बहाव में बहुत लोग फिसल जाते है। यह कानून सरासर देह व्यापार को बढ़ावा देने वाला है। क्योंकि जब लड़की को बहला फुसलाकर उसके साथ रेप किया जायेगा और फिर उसे आपसी सम्बंध बता दिया जायेगा।
इस मसले पर एक घटिया बयान आया एक मानवाधिकारी जी का। उनका कहना है कि जो किशोर 16 साल की उम्र में सेक्स करना चाहते है उनकी मनोकामना पूर्ण हो जायेगी। वरना उन्हे बेवजह जेल में ठूँस दिया जायेगा।
और जो लोग ये कह रहे है कि शादी की उम्र भी 16 साल कर देनी चाहिए। वो बाल विवाह के समर्थक है इसलिए ऐसा कह रहे है। मैं पूछता हूँ कि आप किसकी समर्थक है। वैसे शादी से ये फायदा रहेगा कि सेक्स छुप कर नहीं करना होगा। मेरा एक और सवाल है कि जब हम अनैतिकता को बढ़ावा देगे। तो हम किस मुँह से रेप को रोकने की बात करेगे। जब 16 साल की उम्र सेक्स की इच्छा होगी ,तो क्या होगा जब बड़े होगे। हम सब को इस पर विचार करना होगा।
मित्रों हम इस बुराई को रोकना होगा। कच्ची उम्र में सेक्स शारीरिक के साथ-2 मानसिक सेहत के लिए भी खतरनाक है। इस समय जब देश में रेप छेड़खानी देह व्यापार की घटनाएँ बढ़ रही है तब ये सरकारें लोगों को चरित्रवान बनाने के बजाय भ्रष्ट चरित्र का बना रही है। इसे रोकना होगा। क्या आपको लगता है कि 16 साल की उम्र में सेक्स बनाना जरूरी और हितकारी है। मेरा मानना है कि रेप और अवैध सम्बंध किसी भी उम्र में हो पूर्णतया गलत है और इसकी सजा मिलनी चाहिए। आपने देखा होगा कि किस तरह नाबालिग बच्चियों को सेक्स रैकेट से छुड़ाया जाता है। उनका क्या होगा। पता है ये क्यों बढ़ रहा है। चारित्रिक पतन की वजह से और सरकारे इसे बढ़ावा देने में अग्रसर है। धन्यवाद और बातें बाद में।
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